मर्द अगर औरत पर हाथ उठाए तो ज़ालिम, औरत से पिट जाए तो बुज़दिल,
औरत को किसी के साथ देख कर लड़े तो इर्शालू , अगर कुछ न कहे तो बेगैरत,
अगर घर से बाहर रहे तो आवारा, घर में रहे तो नाकारा,
बच्चो को डांटे तो ज़ालिम, ना डांटे तो लापरवा,
हाय मर्द बेचारा जिसके जीवन में सिर्फ दर्द ही दर्द है,
और उपर से कहते हैं की मर्द वही होता है जिसको दर्द नही होता।
औरत को किसी के साथ देख कर लड़े तो इर्शालू , अगर कुछ न कहे तो बेगैरत,
अगर घर से बाहर रहे तो आवारा, घर में रहे तो नाकारा,
बच्चो को डांटे तो ज़ालिम, ना डांटे तो लापरवा,
हाय मर्द बेचारा जिसके जीवन में सिर्फ दर्द ही दर्द है,
और उपर से कहते हैं की मर्द वही होता है जिसको दर्द नही होता।
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