सपने जो देखे थे वो टूटते चले गए,
कुछ रिश्ते थे ऐसे जो छूटते चले गए;
सपने और रिश्ते उस रेत की तरह हैं,
जितना पकड़ना चाहा उतना फिसलते चले गए !!!
कुछ रिश्ते थे ऐसे जो छूटते चले गए;
सपने और रिश्ते उस रेत की तरह हैं,
जितना पकड़ना चाहा उतना फिसलते चले गए !!!
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