Wednesday, September 28, 2011

गरीबी से तंग आकर एक कवि डाकू बन गए!

पहले दिन भगवान् का नाम लेकर बैंक लूटने गए !

बैंक में केशिअर से कहा-
अर्ज़ किया है तकदीर में जो लिखा हो वो हर हाल में मिलेगा,
... हेंड्स अप!! कोई अपनी जगह से नहीं हिलेगा!

अपने कुछ खवाब मेरी आँखों से निकाल दो,
जो कुछ भी है जल्दी से इस बैग में डाल दो!

बहुत कोशिश करता हूँ उसकी याद को भुलाने की,
ख़बरदार कोई होश्यारी न करे पुलिस को बुलाने की!

दिल का आँगन उसके बिन वीरान पड़ा है,
जल्दी करो बाहर मेरा साथी परेशान खड़ा है!!!!!!!!!!

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